मंगलवार, 1 नवंबर 2022

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड


 चौ :- तब मैना हिमवन्त अनन्दे, पुनि पुनि पारबती-पद बन्दे !

नारि पुरुष सिसु जुबा सयाने, नगर लोग सब अति हरषाने !!

तब मैना और हिमवान ने प्रसन्न होकर बार बार पार्वती जी के चरणों की वंदना की ! 

चतुर स्त्री पुरुष, बालक-जवान, नगर के सब लोग बहुत खुश हुए !

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