गुरुवार, 3 नवंबर 2022

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड



 लगे होन पुर मंगल गाना, सजे सबहिं हाटक-घट नाना !

भाँती अनेक भई जेवनारा, सूप सास्त्र जस किछु ब्यवहारा !!

नगर में मंगल गान होने लगा, सब ने अनेक प्रकार से सोने के कलश सजाये ! 

भांति भांति की रसोइयां जैसे शास्त्र में विधान है हुईं !


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