A Dedicated Blog to Depict Shri Ram Chandra Ramayan Written by Goswami Tulsidas Ji & Shalokas in Hindi
लगे होन पुर मंगल गाना, सजे सबहिं हाटक-घट नाना !
भाँती अनेक भई जेवनारा, सूप सास्त्र जस किछु ब्यवहारा !!
नगर में मंगल गान होने लगा, सब ने अनेक प्रकार से सोने के कलश सजाये !
भांति भांति की रसोइयां जैसे शास्त्र में विधान है हुईं !
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