तब कर अस बिमोह अब नाहीं, राम कथा कर रुचि मन माहीं !
कहहु पुनीत राम गुन गाथा, भुजगराज भूषन सुर नाथा !!
तब के जैसे अब अज्ञान नहीं है, मेरे मन राम कथा जानने की रुचि है ! हे शेषनाग के भूषण धारण
करने वाले देवताओं के मालिक, कृपया रामचन्द्र जी के पवित्र गुणों की कथा कहिये !
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