जानि प्रिया आदर अति कीन्हा, बाम भाग आसन हर दीन्हा !
बैठी सिव समीप हरषाई, पूरब जनम कथा चित आयी !!
शिव जी ने पार्वती जी को बड़ा आदर दिया और अपनी बायीं तरफ शिव जी ने उन्हें आसन दिया !
पार्वती जी प्रसन्न होकर शिव जी के समीप बैठ गयीं, उनके मन में पूर्व जन्म की कथा की सुध आ गयी !
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