शुक्रवार, 25 नवंबर 2022

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड

 चौ :- बोलि सकल सुर सादर लीन्हे, सबहि जथोचित आसन दीन्हे !

       बेदी बेद-बिधान सँवारी, सुभग सुमंगल गावहिं नारी !! 

शुभ लगन आने पर देवताओं को आदर सहित बुलाया गया और सब को यथायोग्य आसन दिया ! 

वेद की रीति से वेदी बनायी गयी, सुन्दर स्त्रियां श्रेष्ठ मंगल गान करती हैं !


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