शुक्रवार, 4 नवंबर 2022

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड


 बिबिध पाँति बैठी जेवनारा, लगे परोसन निपुन सुआरा !

नारि बृंद सुर जेवत जानी, लगीं देन जारी मृद बानी !!

सभी बाराती पंक्ति में बैठ गये, चतुर रसोईदार भोजन परोसने लगे और घर की स्त्रियां देवताओं को भोजन करते जान लोकाचार में मधुर वाणी से गालियां देने लगीं ! 

कोई टिप्पणी नहीं: