A Dedicated Blog to Depict Shri Ram Chandra Ramayan Written by Goswami Tulsidas Ji & Shalokas in Hindi
दो : - नाथ उमा मम प्राण प्रिय, ग्रह-किंकरी करेहु !
छमेहु सकल अपराध अब, होइ प्रसन्न बार देहु !!
मैना बिनती करने लगी हैं, हे नाथ ! उमा मुझे प्राण के समान प्यारी है,
इसे घर की शोभा बनाइयेगा, सम्पूर्ण अपराध क्षमा कीजियेगा ! अब प्रसन्न होकर वचन दीजिये !
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