सोमवार, 9 जनवरी 2023

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड

 दो :- चले संग हिमवंत तब, पहुँचावन अति हेतु !

बिबिध भाँती परितोष कर, बिदा कीन्ह वृषकेत !!

तब हिमवान अत्यंत प्रीती के साथ उन्हें पहुंचाने के लिए चले ! 

बहुत प्रकार से उन्हें समझकर शिव जी ने उन्हें विदा किया !

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