तुम्ह त्रिभुवन गुरु बेद बखाना, आन जोव पाँवर का जाना !
प्रस्न उमा के सहज सुहाई, छल बिहीन सुनि सिव मन भाई !!
पार्वती जी ने शिव जी से कहा आपको वेद तीनों लोक का गुरु बताते हैं आपके सामान किसी का ज्ञान हो ही नहीं सकता ! पार्वती जी के सहज प्रश्न को सुनकर शिव जी को बहुत अच्छा लगा !
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