जो गुन रहित सगुन सोइ कैसे, जल-हिम-उपल बिलग नहीँ जैसे !
जासु नाम भ्रम-तिमिर-पतंगा, तेहि किमि कहिय बिमोह प्रसंगा !!
जैसे पानी, पाला और ओला हैं वैसे ही प्रभु सगुन भी हैं और निर्गुण भी ! श्री राम का नाम लेने से ही अन्धकार दूर हो जाता है उनके बारे में अज्ञान की बातें नहीँ कही जा सकती !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें