चौ : कासी मरत जन्तु अवलोकी, जासु नाम बल करउँ बिसोकी !
सोइ प्रभु मोर चराचर स्वामी, रघुबर सब उर अन्तरजामी !!
शिव जी बोले काशी में जीवों को मरते देख कर जिन प्रभु श्री राम के नाम के बल से मैं उन्हें शोक रहित कर देता हूँ ! वही जड़ चेतन के स्वामी, सब के ह्रदय की बात जानने वाले प्रभु रघुनाथ जी हैं !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें