शनिवार, 26 नवंबर 2022

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड


 बहुरि मुनीसन्ह उमा बोलाई, करि सिंगार सखी लेइ आई !

देखत रूप सकल सुर मोहे, बरनइ छबि अस जग कबि को हे !!

फिर मुनिश्वरों ने उमा को बुलवाया, श्रृंगार करके सखियाँ उमा को ले के आयीं ! रूप देखते ही सब देवता मोहित हो गए, संसार में कोई भी कवि पार्वती की उस छवि का बखान नहीं कर सकता !

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