सोमवार, 28 नवंबर 2022

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड


 जगदम्बिका जानि भव भामा, सुरन्ह मनहिं मन कीन्ह प्रनामा !

सुन्दरता-मरजादा भवानी, जाइ न कोटिब बदन बखानी !!

जगदम्बा और शिव जी को सब ही देवताओं ने मन ही मन प्रणाम किया ! 

पार्वती जी सुन्दरता की हद है और वो शोभा करोड़ों मुखों से भी बखानी नहीं जा सकती !

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