बाजहिं बाजन बिबिध बिधाना, सुमन बृष्टि नभ भई बिधि नाना !
हर गिरिजा कर भयेउ बिबाहू, सकल भुवन भरि रहा उछाहू !!
अनेक प्रकार के बाजे बजते हैं, आकाश से नाना भाँति के फूलों की वर्षा हुई !
शिव पार्वती का विवाह हुआ, जिसका उत्साह सम्पूर्ण जगत में भरपूर छा रहा है !
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