शनिवार, 3 दिसंबर 2022

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड

 पानि-गृहन जब कीन्ह महेसा, हिय हरषे तब सकल सुरेसा !

वेद मन्त्र मुनिबर उच्चरहीं, जय जय जय संकर सुर करहीं !!

जब शिव जी का पाणिग्रहण किया गया तब इन्द्रादि सब देवता मन में प्रसन्न हुए ! 

मुनिवर वेदमन्त्र पढ़ते हैं और देवता शंकर जी की जय जय जयकार करते हैं !

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