बुधवार, 15 मार्च 2023

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड



 सिव पद कमल जिनहिंहीं रति नाहीं, रामहिं ते सपनेहुँ न सुहाहीं  !

बिनु छल विस्वनाथ-पद नेहु, रामभगत कर लच्छन एहू !!

जिनकी प्रीती शिव जी के चरणों में नहीं है, वे रामचन्द्र जी को सपनें में भी अच्छे नहीं लगते हैं ! 

 और राम भक्त का लक्षण यह है कि उसका शिव जी के चरणों में बिना छल के प्यार हो !  

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