सोमवार, 20 मार्च 2023

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड



 दो :- प्रथमहि कहि मैं सिव चरित, बूझा मरम तुम्हार !

सूचि सेवक तुम्ह राम के , रहित समस्त विकार !!

इसी से पहले मैंने शिव जी का चरित्र कह कर आप के भेद को समझ लिया ! 

आप सम्पूर्ण दोषों से रहित हैं और श्री राम चन्द्र जी के पवित्र सेवक हैं !

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