बुधवार, 12 अप्रैल 2023

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड



 तरुन अरुन अम्बुज सम चरना, नख दुति भगत हृदय तम हरना!

भुजंग-भूति-भूषन त्रिपुरारी, आनन् सरद-चन्द-छबि हारी !!

शिव जी के नवीन खिले हुए लाल कमल के समान चरण हैं, नखों की ज्योति भक्तो के ह्रदय का अन्धकार हरनेवाली है, जो साँप और विभूति को आभूषण की तरह धारण किये हुए हैं, वे त्रिपुर दैत्य के शत्रु हैं और उनके मुख की छवि शरद्काल के चन्द्रमा की शोभा हरनेवाला है!

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