सोमवार, 3 अप्रैल 2023

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड


 त्रिबिध समीर सुसीतल छाया, सिव बिस्राम बिटप स्तृति गाया !

एक बार तेहि पर प्रभु गयउ, तरु बिलोकि उर अति सुख भयउ !!

वेद कहते है कि तीनों प्रकार से पवन की गति और सुन्दर शीतल छाया शिव जी विश्राम वृक्ष के  नीचे रहती हैं !

 प्रभु शंकर जी एक बार उसके नीचे गए और सुन्दर वृक्ष को देख कर हृदय में बहुत ही प्रसन्न हुए !

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