सोमवार, 17 जुलाई 2023

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड

 दो : रामकृपा तैं पार्बती, सपनेहु तब मन माहिं !

सोक मोह सन्देह भ्रम, मम बिचार कछु नाहीं !!

शिव जी बोले हे पार्वती ! रामचंद्र जी की कृपा से तुम्हारे मन में शोक, सन्देह,मोह, भ्रम, स्वप्न तक में नहीं है !

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