दो : - अज्ञ अकोबिद अन्ध अभागी, काई बिषय मुकुर-मन लागी !
लम्पट कपटी कुटिल बिसेखी, सपनेहुँ सन्त सभा नहीं देखी !!
वे लोग अज्ञानी, मूर्ख, अन्धे और भाग्यहीन हैं जिनके मन रुपी दर्पण में विषय रुपी मैल लगी है ! वे लोग तो व्यभचारी,धोखेबाज़ और बड़े ही दुष्ट हैं जिन्होंने सपनें में भी संतो की सभा नहीं देखी !
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