कहहिं ते बेद असम्मत बानी, जिन्हहहिं ना सूझ लाभ नहीं हानी !
मुकुर मलिन अरु नयन बिहीना, राम रूप देखहिं किमि दीना !!
वे लोग वेद विरुद्ध बात कहते हैं जिनको ना लाभ सूझता है ना हानि ! जिनका चरित्र मैला और आँख से अन्धे है वो जो रामचन्द्र जी के रूप को नहीं देख पाते हैं!
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