सोमवार, 30 अक्तूबर 2023

श्री राम चरित्र मानस - बाल काण्ड


 राम सच्चिदानंद दिनेसा, नहीँ तहँ मोह-निसा-लवलेसा !

सहज प्रकास रूप भगवाना, नहिं तहँ पुनि बिज्ञान बिहाना !!

श्री रामचन्द्र परब्रह्म सूर्य रूप हैं, वह अज्ञान रुपी रात्रि को हर लेते हैं !

 भगवान सहज ही प्रकाश रूप हैं, फिर वहाँ अज्ञान का अन्धेरा हो ही नहीँ सकता ! 

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