A Dedicated Blog to Depict Shri Ram Chandra Ramayan Written by Goswami Tulsidas Ji & Shalokas in Hindi
जगत प्रकास्य प्रकासक रामू, मायाधीस ज्ञान-गुन-धामू !
जासु सत्यता तैं जड़ माया, भास सत्य इव मोह सहाया !!
ये सारा जगत प्रकाश्य है और माया के स्वामी, ज्ञानगुन के धाम श्री रामचन्द्र जी प्रकाशक हैं ! जिनके प्रकाश से अचेतन माया दूर हो जाती हैं !
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