जासु कृपा अस भ्रमि मिटि जाई, गिरिजा सोइ कृपाल रघुराई !
आदि अन्त कोउ जासु ना पावा, मति अनुमान निगम अस गावा !!
शिव जी बोले हे गिरिजा ! जिनकी कृपा से संसार के सारे भ्रम मिट जाते हैं वही कृपालु रघुनाथ जी हैं, जिनके आदि अन्त को कोई जान नहीं पाया है अपनी बुद्धि से अनुमान कर वेद ऐसा गाते हैं !
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